हाईकोर्ट ने सम-विषम योजना को दी हरी झंडी

 


हाईकोर्ट ने सम-विषम योजना को दी हरी झंडी


नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने चार नवंबर से शुरू होने वाली सम-विषम योजना को हरी झंडी दिखा दी। हालांकि इस योजना के विरोध में दाखिल की गई तीन जनहित याचिकाओं में जाहिर की गई परेशानी पर सुनवाई के लिए स्वीकृति दी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि इन याचिकाओं को एक प्रतिवेदन के तौर पर देखा जाए।


 

मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दायर जनहित याचिकाओं के आधार पर सम-विषम योजना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह इन प्रतिवेदनों पर पांच नवंबर तक फैसला ले। अदालत में दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने बताया कि याचिकाओं को प्रतिवेदन की तरह देखा जाएगा और कानून व नियमों के मुताबिक जितनी जल्दी और व्यवहारिक होगा, फैसला लेंगे। इसके बाद पीठ ने याचिकाओं को निस्तारित कर दिया।
एक जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता संजीव कुमार ने दायर की है। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि योजना महज वोट बैंक की राजनीति और प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर करोड़ों रुपये विज्ञापन पर खर्च करने के लिए लागू की जा रही है। याचिका में दावा किया गया कि कारण और उपचार में पूरी तरह विरोधाभास है।
दूसरी जनहित याचिका संतोष गुप्ता द्वारा दायर की गई है, जिसमें उन्होंने इस योजना में सीएनजी वाहनों को छूट नहीं दिए जाने के फैसले को चुनौती दी है।
तीसरी याचिका में शाश्वत भारद्वाज ने ऑड-ईवन में महिलाओं को दी गई छूट को चुनौती दी। उन्होंने न्यायाधीशों, सांसदों, मंत्रियों और विभिन्न वैधानिक निकायों के प्रमुखों को दी गई छूट पर भी सवाल उठाया है।